Jaunpur:दीपावली पर मिलावटखोरों की तैयारी, विभाग सुस्त सावधान, कहीं बच्चों को ‘मीठा जहर’ तो नहीं दे रहे!

Jaunpur:दीपावली पर मिलावटखोरों की तैयारी, विभाग सुस्त

सावधान, कहीं बच्चों को ‘मीठा जहर’ तो नहीं दे रहे!

बाजार में बिक रही मिलावटी मिठाइयों से सावधान क्योंकि ये जानलेवा हैं!

रिपोर्ट-मोहम्मद अरसद
जौनपुर/खेतासराय। दीपावली पर मिठाइयों को देख मुंह में पानी आना लाजिमी है। यही वजह है कि मिठाई की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। चिता की बात ये है कि मिलावटखोर आपकी सेहत से खिलवाड़ कर सकते हैं। ज्यादा मुनाफे के फेर में कई जगह मिलावटी सामान की बिक्री की आशंका है।
दीपावली पर मिठाई खाएं तो जरा संभलकर। बीमार होने से अच्छा है कि पहले मिठाई की गुणवत्ता जांच लें और ऐसी दुकान से मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थ खरीदे जो भरोसे की हो। मिठाइयां सावधानी बरतते हुए ही खरीदें। ऐसा न हो कि सेहत ही खराब हो जाए। इन दिनों खोवा बनाने वाली भट्ठियां खूब धधक रही हैं।
सूत्रों की मानें तो तमाम जगह सिथेटिक मावा तैयार होने लगा है। इससे अचानक दूध की नदियां बहने लगी हैं। यहां तैयार खोवा जिले में ही नहीं खपेगा, बल्कि आसपास भी भेजा जाएगा। ज्यादातर मामलों में मिलावटखोरों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। दूध-यूरिया, शैंपू , डिटर्जेंट व रिफाइंड से सिथेटिक दूध तैयार किया जाता है। ऐसा 10 किलो दूध 150-200 रुपये में तैयार हो जाता है। असली दूध 54 से 60 रुपये लीटर है। नकली मावा सिथेटिक दूध, सूजी, तेल, रंग, आलू, शकरकंद की मिलावट की जाती है। एक किलो नकली मावा बनाने पर 60 से 70 रुपये खर्चा आता है। असली बताकर इसे 250-300 रुपये किलो तक बेचा जाता है। सिथेटिक दूध, सूजी, गीला ग्लूकोज (वजन बढ़ाने के लिए ) से नकली मिल्क केक तैयार होता है। थोक में इसकी बिक्री 150 रुपये प्रति किलो तक होती है।
फुटकर दुकानदार दोगुना कीमत पर बेचते हैं।रसगुल्ला रू सिथेटिक दूध व स्टार्च (अरारोट) का उपयोग करके रसगुल्ला तैयार किया जाता है। होलसेल में यह 80 रुपये किलो बिकता है। रिटेल में 200 रुपये से अधिक तक बिक्री होती है। शहर के प्रसिद्ध स्वीट्स के मालिक राजीव जलाली ने कहा कि मिलावटी मिठाइयों की बिक्री गांव-देहात, बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थानों पर अधिक होती है। दीपावली ही नहीं, सामान्य दिनों में भी मिलावटी मिठाइयां बिकती हैं। खाद्य विभाग केवल दीपावली व अन्य त्योहारों पर ही छापेमारी करता हैं। चिकित्सक बताते है कि मिलावटी मिठाई खाने से फूड प्वॉइजनिग, जी-मिचलाना, बेचैनी, चक्कर आना, उल्टी-दस्त हो सकते हैं। केमिकल व अन्य अखाद्य वस्तुओं के लंबे समय तक सेवन से किडनी फेल्योर, ब्रेन स्ट्रोक, आंतों में संक्रमण व कैंसर तक की आशंका रहती है।

मुनाफे के लिए सेहत से खिलवाड़

दीपावली मतबल धूम-धाम, मस्ती, पूजा-पाठ, दीप और मिठाइयां। दिवाली में शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां मिठाइयां न आती हो, शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो इस त्योहार में अपना मुंह मीठा न करे, लेकिन मुंह मीठा करने के लिए आयीं मिठाइयां अगर मिलावटी हो तो ये आपके और आपके परिवार के लिए बन सकती हैं जानलेवा। दिवाली पर धड़ल्ले से मिलावटी मिठाइयों का कारोबार चल रहा है और हमारा मकसद है आपको इस मिलावट से बचाना। हमारी इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कहां बिक रहीं हैं मिलावटी मिठाइयां। कैसे मिठाइयों में मिलाया जा रहा है ‘ज़हर’ और कैसे आप खुद को,अपने परिवार को इस मिलावट से बचा सकते हैं। मिलावटी मिठइयों से बचकर! खोवे में यूरिया, वाशिंग पाउडर और सफेद रंग! काजू कत्ली में जहरीला वर्क! लड्डू में कपड़े रंगने वाला रंग! आपकी पसंदीदा बालुशाही में घी की चर्बी! जी हां ये सच है, त्योहारों के मौके पर मुनाफाखोर अपना फायदा कमाने के लिए हमारी और आपकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। मिठाई में मिलावट करना कानूनी जुर्म है। लेकिन बावजूद इसके थोड़ा सा फायदा कमाने के लिए ऐसे कारोबारी लोगों के त्योहारों को बर्बाद करने से भी परहेज नहीं करते।

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