Jaunpur:मानव बनना सरल है मानवता लाना है कठिन

मनोज कुमार सिंह

जलालपुर —-कुटीर उपवन मे रामभद्राचार्य महाराज के उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास जय महाराज तुलसी पीठ ने श्रीमद्भगवत गीता एवं श्रीरामचरितमानस का बोधगम्य महात्म का वर्णन करते हुए बताया कि हमारा अनमोल समय परदोष दर्शन में खप रहा है। मानव बनना तो सरल है पर मानवता लाना कठिन है।

कथा एवं सत्संग की परंपरा बहुत पुरानी है। आज समाज में तमाम विसंगतियां आ गई हैं शिक्षकों को अगर नौकर की तरह समझेंगे तो उनके छात्र नौकर बनेंगे यदि सांदीपनि एवं वशिष्ठ के रूप में समझेंगे तो राम एवं कृष्ण जैसे छात्र समाज में बनेंगे भारत पूर्व से पुरुषार्थी देश रहा है भरत जैसे राजा ने शेर के दांत गिने तो रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पराक्रम से अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए

श्रीरामचरितमानस को रेखांकित करते हुए आपने बताया कि संसार की हर वस्तु नश्वर है। मोह ग्रस्त होकर ऐसा कर्म ना करें जिससे पश्चाताप करना पड़े।

कुटीर संस्थान के व्यवस्थापक डॉ अजयेन्द्र कुमार दुबे ने मंचस्थ संतश्री का अभिनंदन करते हुए आगत जनों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कुटीर संस्थान से संबद्ध सभी इकाइयों के प्रधानाचार्य तथा प्राचार्य एवं क्षेत्र के संभ्रांत जनों ने मंचस्थश्री का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।

इस अवसर पर मदन मोहन दास पूर्णेन्दु तिवारी गोविंद त्रिपाठी पं. श्री भूषण मिश्र शंभू नाथ दुबे शोभनाथ पाठक गिरिजा शंकर द्विवेदी पूर्व संकायाध्यक्ष काशी विद्यापीठ वाराणसी वीरेंद्र सिंह अंबुज पांडे अमित कुमार दुबे क्षमानाथ दुबे समेत छात्र एवं छात्राएं एवं क्षेत्रीय प्रभृति जन उपस्थित रहे। कथा संचालन डॉ श्याम दत्त दुबे ने किया।

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