लोगों के घर पर लड्डू गोपाल विराजमान हैं, वह लोग जन्माष्टमी में कृष्ण जन्म करते हैं। इस मौके पर श्रद्धानुसार उपवास करके पूजा पाठ और बहुत धूमधाम से बाल गोपाल का स्वागत किया जाता है। जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा का दिन है। ऐसे में जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा जी को सुंदर सुंदर वस्त्र धारण कराएं जाते हैं। कंठी माला और पगड़ी पहना कर तैयार किया जाता है।
केवल बाल गोपाल को तैयार करने मात्र से कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव पूरा नहीं होता। इस मौके पर घर के मंदिर को भी सजाएं। जिस तरह से बच्चे के जन्मदिन की पार्टी में आप गुब्बारों और अन्य चीजों से घर को सजाते हैं। वैसे ही लड्डू गोपाल के जन्म पर मंदिर को सुदंरता से सजाएं।अगर आप भी घर पर जन्माष्टमी की पूजा करने जा रहे हैं तो कुछ आसान तरीकों से मंदिर को सजाने के आईडिया जान लें।जन्माष्टमी में मंदिर सजाने के आइडियाज
जानिए गुब्बारे और फूलों से सजाएं
इसलिए आप घर और मंदिर को उसी तरह सजा सकते हैं जन्मदिन की तरह ही कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कन्हैया का जन्मदिन मनाया जाता है। , जैसे बच्चों के लिए सजाते हैं। रंग बिरंगे गुब्बारों को घर की दीवारों, मंदिर के इर्द गिर्द लगाएं। चाहें तो कृष्ण जन्माष्टमी की सजावट के लिए फूलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। फूल सजावट के साथ ही पूजा के काम भी आते हैं।बाल गोपाल का झूला सजाएं
मंदिर सजाने के साथ ही बाल गोपाल का पालना या झूला भी सजा सकती हैं। जन्म के बाद कान्हा का पालने या झूले में बैठाकर झुलाया जाता है। इसलिए कृष्ण जी के झूले को फूलों से, मोतियों से सजा सकती हैं। झूले में बैठने वाली जगह पर कान्हा के लिए बिस्तर भी लगाएं ताकि वह आराम से बैठ पाएं।गोकुल-वृंदावन जैसा नजारा
बाल गोपाल का बचपन गोकुल वृंदावन में बीता
जगह उनकी बहुत प्रिय है। नंदलाल ग्वाला थे, जो अपनी गायों को चराने जाते थे। माखन खाते थे और रासलीला करते थे। इस जन्माष्टमी पर आप उनके आसपास गोकुल वृंदावन का दृश्य बना सकते हैं। इसके लिए आप बाजार से कुछ खिलौने ले आएं। कृष्ण जन्माष्टमी पर बाजारों में मिट्टी की गाय, ग्वालिन, गोवर्धन पर्वत आदि खिलौने मिल जाएंगे, जिसे आप घर पर सजाकर जन्माष्टमी की झांकी तैयार कर सकते हैं।