जानिए काशी में बाढ़ की विभीषिका का असर
जलस्तर में इजाफा होने के बाद अब नदी का तल्ख रुख बाढ़ की दोबारा दस्तक दे चुका है। पानी का जलस्तर बढ़ता देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोपहर में गंगा चेतावनी बिंदु पार कर जाएंगी। दोपहर 12 बजे तक गंगा का जलस्तर मात्र दो सेंटीमीटर चेतावनी बिंदु से दूर था और हर घंटे पांच सेंटीमीटर जलस्तर में इजाफा हो रहा था। इस लिहाज से एक बजे तक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार हो गया। अब चेतावनी बिंदु के बाद गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु के करीब जा पहुंचा है।
अब गंगा में बाढ़ से वरुणा में भी पलट प्रवाह की वजह से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी चिंता पैदा करने लगा है। बीते तीन दिनों में कुल 116 सेंटीमीटर तक गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। बाढ़ का पानी शहर में प्रवेश करने लगा है तो गलियों में गंगा का पानी आने की वजह से गलियों में नौका संचालन शुरू हो गया है। जबकि पूर्व से ही वाराणसी में हरिश्चंद्र सहित मणिकर्णिका घाट पर चिताएं गलियों में जलने लगी हैं। अब गलियों में चिताएं सजने की वजह से गंगा का रुख काफी चुनौतीपूर्ण हो चला है। जबकि छत पर गंगा आरती पूर्व से ही हो रही है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से राजघाट पर सुबह आठ बजे लिए गए बाढ़ के रिपोर्ट के अनुसार प्रतिघंटा छह सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। यहां पर गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है, जबकि खतरा बिंदु 71.262 मीटर पर है। वर्ष 1978 में गंगा का सर्वाधिक जलस्तर 73.901 मीटर था तो पिछली बार बाढ़ का स्तर 72.320 मीटर था। गुरुवार की सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.02 मीटर दर्ज किया गया। दोपहर तक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार करने की उम्मीद जताई गई है। बाढ़ कंट्रोल रूम का नंबर भी विभाग की ओर से 0542-2508550, 9140037137 दिया गया है
तटवर्ती इलाकों में बढ़ी चिंता : तटवर्ती इलाकों में घर लौटने की ओर हो चले लोगों को उल्टे पांव दोबारा बाढ़ देखकर आश्रय की ओर लौटना पड़ा है। रात भर बारिश की वजह से वरुणा में भी पलट प्रवाह का असर देखा जा रहा है। इसकी वजह से नदी का रुख भी तटवर्ती लोगों को भयभीत कर रहा है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में नदी का रुख आगे भी चुनौती की ओर होने के संकेत को देखकर लोग चिंतित हैं। दूसरी ओर ज्ञानप्रवाह क्षेत्र में गंगा का पानी आने के बाद आगे भी बाढ़ की संभावनाएं तटवर्ती लोगों को डराने लगी हैं। माना जा रहा है कि दो दिन और पानी बढ़ गया तो शहर में गंगा का जलस्तर और भी आगे बढ़ जाएगा।