पूजा में ना करें कभी इन फूलों का प्रयोग, क्रोधित हो सकते हैं देवी-देवता

देवी-देवता के पूजा के दौरान खूबसूरत फूलों का उपयोग करना भक्तों

 

फूल प्रकृति की सबसे सुंदर देन है जिसका उपयोग देवी-देवता के पूजा के लिए करना उत्तम बताया गया है। सनातन धर्म के अनुसार, कोई भी पूजा बिना फूलों के अधूरी मानी गाई है। फूल सादगी और पवित्रता का प्रतीक हैं जिनका उपयोग करने से देवता प्रसन्न होते हैं। जानकार बताते हैं कि सनातन धर्म के देवी-देवताओं की पूजा के दौरान उनके प्रिय फूलों का उपयोग करना चाहिए। 

जानिए क्योंकि वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। इसके साथ फूलों से आने वाली खुशबू घर में सकारात्मकता और शांती लाती है। लेकिन, भक्तों को पूजा के दौरान कुछ फूलों का प्रयोग करने से बचना  करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, पूजा में वर्जित माने गए फूलों के प्रयोग से देवी-देवता नाराज या क्रोधित हो सकते हैं

भगवान राम को ना करें यह फूल अर्पित भगवान राम की पूजा में कभी-भी कनेर के फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए इससे वह नाराज होते हैं। मगर मां दुर्गा की पूजा में आप कनेर के फूलों को उपयोग कर सकते हैं।

भगवान विष्णु को ना करें यह फूल अर्पित

भगवान विष्णु के भक्तों को श्रीहरि पूजन के दौरान अगस्त्य के फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके साथ माधवी और लोध के फूलों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।

देवी पार्वती को ना चढ़ाएं यह फूल

देवी पार्वती आदिशक्ति को कभी भी आंवला या मदार के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इससे मां पार्वती नाराज होती हैं और भक्तों के ऊपर से उनकी कृपा हट जाती है।

शिव पूजन में ना करें इन फूलों का उपयोग

भगवान शिव के भक्तों को कभी भी उनकी पूजा आराधना के दौरान केतकी या केवड़ा के फूल का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे भगवान शिव क्रोधित होते हैं।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Translate »
error: Content is protected !!
Coronavirus Update