मोमबत्ती बताती है आपका भविष्य, जानिए कैसे, जानिए रोचक जानकारी

मोमबत्ती बताती है आपका भविष्य, जानिए कैसे, जानिए रोचक जानकारी

मोमबत्ती आपका भविष्य बता सकती है। प्राचीन काल से ही मोमबत्ती से जीवन के गणित को समझने की कोशिश होती रही है। आइए जानते हैं विस्तार से..

इतिहास :– मोमबत्ती से भविष्य जानने की पद्धति रोम की विरासत मानी जाती है। इसकी बुनियाद प्रभु यीशू के महाप्रयाण के बाद मिलती है, जब उनके कुछ अनुयायियों ने उनका पता लगाने का प्रयास किया। कालांतर में यह पद्धति विकसित होकर विश्व के अनेक भागों में फैल गई। भारत में इस पद्धति का ज्यादा प्रचलन नहीं हो सका क्योंकि वैदिक ज्योतिष के रूप में एक मज़बूत वैज्ञानिक पद्धति के साथ ध्यान, योग, तंत्र शास्त्र और कई तार्किक पद्धतियां पहले से ही मौजूद थीं और इस पद्धति का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था। यह पद्धति पूर्णतः मस्तिष्क नियंत्रण के सिद्धांत पर ही आधारित थी। इसका कुछ सूत्र सम्मोहन विज्ञान में मिलता है। भारतीय संदर्भ में समझें तो इस पद्धति में शरीर के 7 चक्र मुख्य भूमिका निभाते हैं।

चुंकि मोमबत्ती मधुमक्खियों के मोम से बनाई जाती है और मधुमक्खियां भगवान का संदेशवाहक मानी जाती हैं अत: इनके बनाए मोम से बनी मोमबत्तियां भी पवित्र मानी जाती हैं। मोमबत्तियों की ज्योति आपकी इच्छा और मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचाती हैं। भगवान का आशीर्वाद भी आप तक पहुंचाने में सहायक होती हैं। आइए जानें तरीका…

किसी भी दिन शाम के समय स्नान करके शुद्ध हो जाइए। घर में कुछ धूप बत्तियां जला लीजिए। घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करें। एक गुलाबी रंग की मोमबत्ती जला लीजिए और उसके सामने आसन बिछा कर बैठ जाएं। अपने ईष्टदेव का स्मरण करते हुए अपनी कामना को अपने दिल में दृश्यमान करें, यानी कल्पना करें।

मोमबत्ती बताती है आपका भविष्य, जानिए कैसे, पढ़ें रोचक जानकारी

मोमबत्ती आपका भविष्य बता सकती है। प्राचीन काल से ही मोमबत्ती से जीवन के गणित को समझने की कोशिश होती रही है। आइए जानते हैं विस्तार से…*

इतिहास :– मोमबत्ती से भविष्य जानने की पद्धति रोम की विरासत मानी जाती है। इसकी बुनियाद प्रभु यीशू के महाप्रयाण के बाद मिलती है, जब उनके कुछ अनुयायियों ने उनका पता लगाने का प्रयास किया। कालांतर में यह पद्धति विकसित होकर विश्व के अनेक भागों में फैल गई। भारत में इस पद्धति का ज्यादा प्रचलन नहीं हो सका क्योंकि वैदिक ज्योतिष के रूप में एक मज़बूत वैज्ञानिक पद्धति के साथ ध्यान, योग, तंत्र शास्त्र और कई तार्किक पद्धतियां पहले से ही मौजूद थीं और इस पद्धति का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था। यह पद्धति पूर्णतः मस्तिष्क नियंत्रण के सिद्धांत पर ही आधारित थी। इसका कुछ सूत्र सम्मोहन विज्ञान में मिलता है। भारतीय संदर्भ में समझें तो इस पद्धति में शरीर के 7 चक्र मुख्य भूमिका निभाते हैं।

चुंकि मोमबत्ती मधुमक्खियों के मोम से बनाई जाती है और मधुमक्खियां भगवान का संदेशवाहक मानी जाती हैं अत: इनके बनाए मोम से बनी मोमबत्तियां भी पवित्र मानी जाती हैं। मोमबत्तियों की ज्योति आपकी इच्छा और मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचाती हैं। भगवान का आशीर्वाद भी आप तक पहुं

चाने में सहायक होती हैं। आइए जानें तरीका…

किसी भी दिन शाम के समय स्नान करके शुद्ध हो जाइए। घर में कुछ धूप बत्तियां जला लीजिए। घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करें। एक गुलाबी रंग की मोमबत्ती जला लीजिए और उसके सामने आसन बिछा कर बैठ जाएं। अपने ईष्टदेव का स्मरण करते हुए अपनी कामना को अपने दिल में दृश्यमान करें, यानी कल्पना करें।

अब चौथी मोमबत्ती भी जला लें। कमरे की सारी लाइटें बंद कर दें। अब त्रिकोणाकार रखी तीनों मोमबत्तियों की ज्योत से अपने प्रश्न का उत्तर जानने की कोशिश करें…

1-  एक ओर से दूसरी ओर हिलती हुई ज्योत अनिश्चितता सूचित करती है।

2- बत्ती के शिखर पर अदभुत तेजोमय प्रकाश आने वाली समृद्धि के बारे में बताता है।

3- लहरदार और कुण्डलों में उठती हुई ज्योति शत्रुओं की कोई चाल से सावधान करती है।

4- छोटी-छोटी चिंगारियां सावधानियां बरतने की सुचना देती हैं।

5- उठती और गिरती हुई ज्योति संकट या खतरे की निशानी है।

6- अस्थिर और हिलती हुई ज्योति आने वाली निराशा का संकेत देती है।

7- अचानक ही ज्योति का बुझ जाना भयंकर विपत्ति का परिचायक है।

इस प्रकार से आप किसी भी समस्या का हल या भविष्य जान सकते हैं, करने से पूर्व अभ्यास अवश्य करें। अपने इष्टदेव पर पूरी आस्था और विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है |

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